Monday, August 9, 2010

क्षमा करना सीखें

क्षमा करना सीखेंइस प्रवृत्ति को विकसित करें|
कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता| प्रत्येक व्यक्ति की
अपनी सीमाएं और कमजोरियां होती है| हमें इस का
आभास भी नहीं होता कि प्रतिदिन हम कितनी
गलतियाँ करते हैं| हम अपनी गलतियों के लिए
क्षमायाचना करते हैं, लेकिन हम दूसरों को तुरंत माफ
नहीं करते और अपने साथियों की निंदा करते हैं|
प्रत्येक व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे कार्यों के लिए
स्वयं उत्तरदायी है और किसी को भी दूसरे के
क्रियाकलापों में निर्णायक बनने का अधिकार नहीं है|

3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

शिक्षाप्रद और उपयोगी पोस्ट!

Udan Tashtari said...

सदविचारों के लिए आभार.

प्रतुल वशिष्ठ said...

# प्रत्येक व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे कार्यों के लिए स्वयं उत्तरदायी है और किसी को भी दूसरे के क्रियाकलापों में निर्णायक बनने का अधिकार नहीं है|
@ मैं जानना चाहता हूँ, यह बात यदि पूर्णतः सत्य है, तब क्या समाज अराजक स्थिति को शीघ्र प्राप्त नहीं हो जाएगा. अच्छे-बुरे कार्यों के लिये व्यक्ति स्वयं उत्तरदायी बेशक हो लेकिन न्याय-व्यवस्था में दूसरा या तीसरा व्यक्ति ही निर्णय कर सकता है. यह अधिकार कोई देता नहीं, समाज और राष्ट्र हित के लिये इसे सक्षम लोग स्वतः हासिल कर लेते हैं.
"माना मैंने कोई अपशब्द कहा और आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला कृत्य कर बैठा तब तो बुद्धिजीवी वर्ग और सक्षम व्यक्ति अपने-अपने बुद्धि बल और शारीरिक बल का प्रयोग करके ही मुझे ठीक करेंगे. मतलब वे सब स्वतः ही निर्णय लेकर मुझे ठीक करने का अधिकार ले लेंगे."
शिक्षाप्रद और उपयोगी सदविचारों वाली पोस्ट के लिये आभार.

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