Wednesday, July 21, 2010

कौन है ख़ूबसूरत ..?

  • ख़ूबसूरत बातें...
  • खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है

  • खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए

  • खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए

  • खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे

  • खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो

  • खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ

  • खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ

  • खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ

  • खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए

  • खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ

  • खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल आ  जाए

  • sandeep ke vichar Dula ram saharan ke orkut account se sabhaar

Sunday, July 18, 2010

सर्वोत्तम सुक्तियां

    • जो शत्रु बनाने से भय खाता है, उसे कभी सच्चे मित्र नहीं मिलेंगे। 
    • उनसे कभी मित्रता न कर, जो तुमसे बेहतर नहीं।                    
    • जीवन में एक मित्र मिल गया तो बहुत है, दो बहुत अधिक है, तीन तो मिल ही नहीं सकते।                                                                  
    • या तो हाथीवाले से मित्रता न करो, या फिर ऐसा मकान बनवाओ जहां उसका हाथी आकर खड़ा हो सके।                                                        
    • संसार में केवल मित्रता ही एक ऐसी चीज है जिसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में दो मत नहीं है।                                                                      
    • न्याय नहीं बल्कि त्याग और केवल त्याग ही मित्रता का नियम है।                
    • प्रकृति जानवरों तक को अपने मित्र पहचानने की सूझ-बूझ दे देती है। 
    • ज्ञान मुक्त करता है, पर ज्ञान का अभिमान नरकों में ले जाता है।
    • सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता उससे भी दुर्लभ।                     
    • अच्छाई का अभिमान बुराई की जड़ है।
    • स्वार्थ और अभिमान का त्याग करने से साधुता आती है।
    • अपनी बुद्धि का अभिमान ही शास्त्रों की, सन्तों की बातों को अन्त: करण में टिकने नहीं देता।
    • वर्ण, आश्रम आदि की जो विशेषता है, वह दूसरों की सेवा करने के लिए है, अभिमान करने के लिए नहीं।
    • आप अपनी अच्छाई का जितना अभिमान करोगे, उतनी ही बुराई पैदा होगी। इसलिए अच्छे बनो, पर अच्छाई का अभिमान मत करो।

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