महापुरुषों के अनमोल विचार
=अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह इससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे। - प्रेमचन्द
=गलती तो हर मनुष्य कर सकता है, किन्तु उस पर दृढ़ केवल मूर्ख ही होते हैं। -सिरसो
=अंधा वह नहीं जिसकी आँख फूट गई है, अंधा वह जो अपने दोष ढंकता है। -महात्मा गांधी
=जो जीना नहीं जानता है वह मरना कैसे जाने ? -महात्मा गांधी
=नम्रता का ढोंग नहीं चलता, न सादगी का। -महात्मा गांधी
=व्यक्ति दौलत से नहीं, ज्ञान से अमीर होता है।
=झूठ इन्सान को अंदर से खोखला बना देता है।
=संसार में सब से दयनीय कौन है? धनवान होकर भी जो कंजूस है। -विद्यापति
=हमारे भीतर कंजूसी न हो। -ऋग्वेद
कंगले की तरह जीना और धनवान हो कर मरना महज़ पागलपन है। - टामस मिड्लटन
=भय और खतरे ने मुझे कभी जिस के लिए संकल्पित और सहमत होने को बाध्य किया, भय और खतरे से
दूर होने पर मैं वही कर दिखाने के लिए कटिबद्ध हंू। -मौनतेन
=कंजूस के पास जितना होता है उतना ही वह उस के लिए तरसता है जो उस के पास नहीं होता।
=हम उतने खुश कभी नहीं होते, उतने दु:खी कभी नहीं होते, जितना अपने आपको समझ लेते हैं।
-ला रोशफूको
=कमाए बगैर धन का उपभोग करने की तरह ही खुशी दिए बगैर खुश रहने का अधिकार हमें नहीं है।
-जार्ज बरनार्ड शा
=उस खुशी से बच, जो कल तुझे काटे। -हरबर्ट
=खुशी कोई हँसने की बात नहीं है। -रिचर्ड ह्वेटली
=जीवन की सबसे बड़ी खुशी यह धारणा होती है कि लोग हमें चाहते हैं, हमारे लिए चाहते हैं-या कहें, हमारे होते हुए भी चाहते हैं, अंधे ऐसी ही धारणा रखते हैं। - विक्टर ह्यूगो
=लोगों की खुशी के लिए पहली जरूरत है धर्म का खात्मा। - कार्ल माक्र्स
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